Monday, January 13, 2014

कैसा लगा ?




कैसा लगा ?
मुझे तो मज़ा आ गया
तुमको देखकर.
सच ....
रस्सी से बँधे हो
और चारों ओर
बदबूदार काला पानी.

ये मत कहना अब ,
कि तुम आदमियों का
कचरा साफ़ करते हो .

आदमी हैं कहाँ यहाँ दोस्त?
आदमी होते तो तुम
आज नीचे नही होते.


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