यहाँ भी पैसा
वहां भी पैसा
लूट मची है
लूट लो भाई
इधर कमीशन
उधर "दस्तूरी'
नौकरी सरकारी,
सब हसरत पूरी
कौन जो रोके,
कौन जो टोके
किसके बाप का
क्या जाता है
कितनी कितनी
इस्कीमें आई
गरीब है, बस
रोता जाता है
रोने दो
हमको क्या करना
सब अपनी किस्मत का लेखा
इस्कीम मेरी, पैसा मेरा
सब कुछ मेरे घर का ठेका
वहां भी पैसा
लूट मची है
लूट लो भाई
इधर कमीशन
उधर "दस्तूरी'
नौकरी सरकारी,
सब हसरत पूरी
कौन जो रोके,
कौन जो टोके
किसके बाप का
क्या जाता है
कितनी कितनी
इस्कीमें आई
गरीब है, बस
रोता जाता है
रोने दो
हमको क्या करना
सब अपनी किस्मत का लेखा
इस्कीम मेरी, पैसा मेरा
सब कुछ मेरे घर का ठेका