Sunday, November 21, 2010

"udaseenta "

पहाड़ से टूटकर
कुछ पत्थर
आ गिरे रोड पर
और अगले ही दिन
अखबारों के मुख पृष्ठ पर
चर्चे थे-
अवैध खनन और 
सरकार की लचीली फ़ॉरेस्ट नीति के .
माफियाओं और नेताओं  के आगे झुकती
बयूरोक्रेसी की रीति के .

लोगों ने भी  चाय की दुकानों में
बैठकर खूब परिचर्चा की
कुछ लोगों ने  तो नारे भी लगाये
और कुछ लोग मज़े मज़े में
सरकारी बस फूक आये .

ऐसे ही कुछ दिनों तक
होता  रहा हो हल्ला
और उसके बाद, अखबारों ने
मुख पृष्ठ बदल लिया
और लोगों ने करवट .

1 comment:

  1. Nice Kaviraaj!!

    Ab log to badi chez ho gayen...uunt kis karwat baithega e bhi pata nahi rahta :P

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