Saturday, June 5, 2010

RAjdhani ExpreSS

राजधानी एक्सप्रेस---

एक  लावारिस सी लाश
फिर  पाई  गयी
 रेल  की पटरियों  के  बीच

हमेशा  की  तरह 
शिनाख्त नहीं  हो पा  रही थी 
और suicide नोट ढूंढने के
प्रयास  भी  बेकार जा रहे थे  .

वैसे पड़े लिखों के बाज़ार में
ये बात कम लोग जानते हैं
की anpad  लोग मरते  समय   
इस किस्म के  नोट
नही लिखा करते हैं

बहरहाल ...मुसाफिर  कोस  रहे  थे
मरने  वाले  को
जिसकी  वजह  से  उनकी
राजधानी  की   बेलगाम  रफ़्तार  मैं
अनायास  खलल  आ  गया  था. 

और   उस  वक्त  अन्दर  राजधानी  के  A .C कोच   मैं  
विचारों  का गहन  मंथन   हो  रहा  था -
एक  महाशय  तिलमिला  कर  बोल  पड़े -
ये  भूखे  भिखमंगे   भी मरने 
पटरियों  पे   चले  आते  हैं

अंदाजा शायद  सही  था....
पटरियों  पर   खाना  ढूँढने के  प्रयास  में
ट्रेन  के  पहिये-
इस  जिन्दा  आदमी   को  निगल  गए  थे .......

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