Tuesday, January 5, 2010

Patang

पतंग के पीछे
बदहवास से भागते कुछ बच्चे
मेरी साइकिल से टकराते टकराते बचे
..मैंने सोचा
आठ आने की पतंग
के लिए ये बच्चे.......

लेकिन मैं गलत था .
बात चार आने या आठ आने की नही थी .
बात थी, उस "जीत" की ख़ुशी की-
जो बच्चों को होती  थी,
 कटी पतंग को लूटने मैं .

और उनको पता था कि उम्र मैं बड़े लोग,
साइकिल और स्कूटर आहिस्ता चलाते  हैं .

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